Followers

Friday, October 2, 2009

भारत

भारत दो हिस्से में जीता है
एक हिस्से में
बड़ी बड़ी कोठियां है
व्यापारी, नेताओं, अभिनेताओं की
एक हिस्से में
झुग्गी झोपडियां
फुटपाथ पे सोते लोग
एक घर की आस में
जीवन जीता मध्यमवर्गीय इन्सान
एक हिस्से में
शान्ति दूत गाँधी के शब्द
तो दूजे में
गोधरा अहमदाबाद दंगों से
विश्व मानचित्र पे
शर्मिंदा भारत
एक हिस्से में
लाल बत्ती पे रुकी कार में
पिज्जा चाकलेट खाते बच्चे हैं
तो एक हिस्से में
हाथ में कपड़ा ले
गाड़ी पोछते
ललचाई निगाहों से देखते
भूखे बच्चे
एक हिस्से में
ऐश्वर्या शुश्मिता
विश्व में जाना पहचाना नाम
एक हिस्से में
लुटी अबरू
दहेज़ में जलती बेटियाँ
और
कोख में मार दी जाती बच्चियां

1 comment:

Jayant Chaudhary said...

Toooo much!!

Very very beautiful kavita!!!