This blog is all about original creations. I have written these Hindi poems and wish to spread happiness and social awareness through my creations.
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Tuesday, November 17, 2009
बटवारा
घर, धन, वृद्ध आश्रम के खर्चे यहाँ तक कि कुत्ते भी बटें पर पिता के त्याग ,प्यार माँ के आँसू ,दूध ,और पीडा का कुछ मोल न लगा क्योंकि पुरानी,घिसी चीजों का कुछ मोल नही होता
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