आप सभी को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनायें .भगवान सभी की मनोकामनाएं पूरी करें
नव वर्ष
तुम आओ
अब सहा नहीं जाता
अब बीतना ही होगा मुझे
देखते हो न
घायल मेरा तन
मेरे अपनों ने ही दी है
ये निशानियाँ मुझे
ये घाव
लड़कियों की चीख के हैं
जिनकी मासूम हथेली पर
हैवानियत के अंगारे रख दिए गए
ये फफोला
उस आग का है
जिसमे ऋषियों की ये धरती जल रही है
ये काला निशान
माँ भारती के चेहरे की
वो कालिख है
जो उसके ही सपूतों ने
लगाई है उसके चेहरे पर
आंसुओं का जो दरिया
मेरे पास से बह रहा है
ये उन बूढ़े माँ -बाप का दर्द है
जिनके सपूत आने का कह कर
कभी वापस न आये
तुम आओ
अब सहा नहीं जाता
अब बीतना ही होगा मुझे
देखते हो न
घायल मेरा तन
मेरे अपनों ने ही दी है
ये निशानियाँ मुझे
ये घाव
लड़कियों की चीख के हैं
जिनकी मासूम हथेली पर
हैवानियत के अंगारे रख दिए गए
ये फफोला
उस आग का है
जिसमे ऋषियों की ये धरती जल रही है
ये काला निशान
माँ भारती के चेहरे की
वो कालिख है
जो उसके ही सपूतों ने
लगाई है उसके चेहरे पर
आंसुओं का जो दरिया
मेरे पास से बह रहा है
ये उन बूढ़े माँ -बाप का दर्द है
जिनके सपूत आने का कह कर
कभी वापस न आये
मित्र
मै दर्द के धुंएँ
और काँटों भरी राहों से
उम्मीद के कुछ बीज बचा पाया हूँ
तुम्हे सौपता हूँ
इसे जरुर बो देना
शायद उग सके मानवता का एक वृक्ष
और लग सके उसपर
शांति ,मुस्कान ,न्याय और प्रेम का फल
नव वर्ष
तुम आओ
पर साथ लाना
जुगनुओं भरा आँगन
निडर एक राह
और नारी होने का सम्मान
जो मै न ला सका
ताकि नव वर्ष हर्ष वर्ष हो सके
इतना कह
वो चुपके से बीत गया
वो चुपके से बीत गया
10 comments:
शायद उग सके मानवता का एक वृक्ष
और लग सके उस पर
शांति ,मुस्कान ,न्याय और प्रेम का फल
BAHUT SUNDAR ,
NAVBARSH MANGALMAY HO
शांति ,मुस्कान ,न्याय और प्रेम का फल,,,,
नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाए,,,,
recent post: किस्मत हिन्दुस्तान की,
मार्मिक,हृदयस्पर्शी.
नववर्ष की आपको व आपके परिवार को बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
बीते वर्ष की व्यथा का इतना मर्मस्पर्शी वर्णन अभी तक नहीं पढ़ा ...
एक सुखद सुबह का ईंतजार में आप को नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाए,,
सुखद नव वर्ष के आगमन का इन्तेजार रहेगा .
बहुत बहुत सुभकामनाएँ के साथ आप का स्वागत है नई पोस्ट :"काश ! हम सभ्य न होते" http://kpk-vichar.blogspot.in
नब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामना.
✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
♥सादर वंदे मातरम् !♥
♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿
मै दर्द के धुंएँ और काँटों भरी राहों से
उम्मीद के कुछ बीज बचा पाया हूँ
तुम्हे सौपता हूँ
इसे जरुर बो देना
शायद उग सके मानवता का एक वृक्ष
और लग सके उस पर शांति ,मुस्कान ,न्याय और प्रेम का फल
नव वर्ष तुम आओ
बहुत सुंदर लिखा आपने ।
सकारात्मकता सहित आशाएं जीवित रहनी ही चाहिए …
आदरणीया रचना जी
आपकी कविता से मुझे मेरे एक गीत की पंक्तियां याद आ गईं -
ले आ नया हर्ष , नव वर्ष आ !
आजा तू मुरली की तान लिये' आ !
अधरों पर मीठी मुस्कान लिये' आ !
विगत में जो आहत हुए , क्षत हुए ,
उन्हीं कंठ हृदयों में गान लिये' आ !
आपको भी नव वर्ष की शुभकामनाएं !
...साथ ही
हार्दिक मंगलकामनाएं …
लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !
राजेन्द्र स्वर्णकार
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aapka geet padha bhuat hi sunder
rachana
बहुत बहुत आभार
आदरणीया रचना जी
अभी आपका कमेंट देखा मैंने अपने ब्लॉग पर ...
:)
स्नेह-सद्भाव बनाए रहें ...
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