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Monday, March 25, 2013

 ये चंचल रंग आपका हर पल रंगते जाएँ एक ऐसा इन्द्रधनुष आपके आँगन उतरे जो कभी ख़त्म न हो
होली की बहुत बहुत शुभकामनायें


फूल  खिले .वृक्ष सजे ,
चले मधुर बयार
मौसम ले आया  फागुन का उपहार

अबीर पहन पायल
छम छम डोले
गुलाल हौले से घूंघट  खोले
छा रहा कलियों में  प्यार का खुमार

गुझिया ठुमके ,
पापड़ छत पर सूखे
फिर भी गलियों में घर कई  भूखे
पेड़ की फुनगी पर उतरी है बहार

बादल  ने
लगाया धरती  को रंग
गुलाबी फिजा में घुली मानो  भंग
लजाई सरसों सूरज करे मनुहार


मदमस्त रंग उड़े
अपनी चाल  भूले
खुशबू पकने लगी  जल गये  चूल्हे
फगवा के आगे कौन गाये  मल्हार

12 comments:

Rohitas Ghorela said...

सुन्दर प्रस्तुती।

होली मुबारक

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत सुंदर कविता..... होली की ढेरों शुभकामनायें आपको भी

राहुल said...

मधुर पवन की बयार .....
होली की शुभकामनाएं ...

सदा said...

अनुपम भावों का संगम ...
होलिकोत्‍सव की अनंत शुभकामनाएं

Unknown said...

रंगों का पर्व आपकी खुशियों को हज़ार गुना कर दे, होली की शुभ कामनाएं

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बहुत सुंदर रचना
होली की ढेर सारी शुभकामनाएं

shikha varshney said...

खुबसूरत शब्दों के रंग बिखर गए.
होली की अशेष शुभकामनाएं रचना जी

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत उम्दा सराहनीय अभिव्यक्ति ,,
होली का पर्व आपको शुभ और मंगलमय हो!

Recent post : होली में.

Saras said...

वाह बहुत सुन्दर ....होली की अशेष शुभकामनाएं .....:)

दिगम्बर नासवा said...

Holi ki madhur prastuti ...
Nav varsh mangal may ho ...

सुनील गज्जाणी said...

namaskaar
behad sunder abhivyakti .

Unknown said...

सुन्दर रचना है..बहुत बढ़िया..